
छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भिलाई में एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है। यह महिला पिछले दो साल से फर्जी नाम और पहचान के सहारे भारत में रह रही थी। असली नाम पन्ना बीबी (पिता – अब्दुल रौफ, उम्र 25 वर्ष, निवासी दीधीरपार, जिला खुलना, बांग्लादेश) है, लेकिन वह भिलाई में “अंजलि सिंह उर्फ काकोली घोष” के नाम से रह रही थी। उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर आधार कार्ड बनवाया और उसका इस्तेमाल इलाज समेत विभिन्न कामों में किया।
जब एसटीएफ की टीम ने 14 मई को सूचना के आधार पर भिलाई के सुपेला नेहरू रोड पर सूरज साव के मकान में छापा मारा, तो पन्ना बीबी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और खुद को पूर्वी दिल्ली के नांगलोई निवासी अंजलि सिंह बताया। जांच के दौरान उसका आधार कार्ड संदिग्ध पाया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपनी असली पहचान उजागर की।
जांच में यह भी सामने आया कि पन्ना बीबी आठ साल पहले भारत-बांग्लादेश सीमा से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी। वह पहले कोलकाता के सोनागाछी इलाके में काकोली घोष नाम से पांच साल तक रही, फिर दिल्ली पहुंची, जहां एक लड़की पूजा से दोस्ती के बाद वह भिलाई आ गई। वहां वह पिछले दो वर्षों से रह रही थी।
मोबाइल फोन की जांच में पता चला कि वह लगातार बांग्लादेश के अपने परिवार और रिश्तेदारों के संपर्क में थी और कई बार सीमा पार अपने मूल गांव भी गई थी।
इस मामले में मकान मालिक सूरज साव के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है क्योंकि उसने अपनी किरायेदार की जानकारी थाने में नहीं दी और एक विदेशी नागरिक को पहचान छिपाकर रहने में मदद की। महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023, विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत कार्रवाई की गई है।