
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा बुक मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में घिरे अफसरों, कर्मचारियों और नेताओं को अब सीबीआई दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुला रही है। दिल्ली में इनसे कई घंटों तक गहन पूछताछ की जा रही है। अब तक राज्य के करीब आधा दर्जन अधिकारी-कर्मचारी और कई कारोबारी पूछताछ के लिए समन प्राप्त कर चुके हैं। बीते सप्ताह राज्य के दो आईपीएस अफसर भी दिल्ली में अपने बयान दर्ज कराने के बाद लौट चुके हैं। सीबीआई ने उनसे चार से पांच घंटे तक पूछताछ की, जिसमें उनकी संपत्तियों की भी जानकारी ली गई।
सीबीआई अब महादेव सट्टेबाजी एप के मुख्य प्रमोटरों—सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, अतुल अग्रवाल उर्फ अनिल और शुभम सोनी—को भारत लाने की कोशिशों में जुटी है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने दूसरे देशों की नागरिकता ले ली है। सीबीआई इन्हें प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाने के प्रयास कर रही है। इससे पहले ईडी ने भी इन्हें लाने की कोशिश की थी, लेकिन कोर्ट का वारंट न होने के कारण वह असफल रही। अब सीबीआई नए सिरे से यह कोशिश कर रही है।
इस मामले में सीबीआई पहले ही जेल में बंद एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सिपाही भीम सिंह यादव, अर्जुन यादव, सतीश चंद्राकर, गिरीश तलरेजा, सुरेश चोखानी, नीतिश दीवान और असीम दास सहित कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है और उनकी गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है। चंद्रभूषण वर्मा ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने कई वरिष्ठ अधिकारियों को हर महीने प्रोटेक्शन मनी दी थी और यह पैसा कुछ खास माध्यमों के जरिए पहुंचाया जाता था। अब सीबीआई उन माध्यमों को भी पूछताछ के लिए बुला रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।