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लॉकडाउन में नहीं हो सकी शादी, होटल बुकिंग के 1 लाख एडवांस पर कंज्यूमर कोर्ट का फैसला – ग्राहक को लौटानी होगी पूरी राशि

कोरोना काल में शादी या अन्य समारोहों के लिए होटल या गार्डन बुक कराने के बाद कार्यक्रम रद्द होने के कई मामले सामने आए, जिससे लोगों को एडवांस में दी गई रकम का नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे ही एक मामले में रायपुर की उपभोक्ता अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।

रायपुर (Indian Consumer Court Decision): राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में होटल प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह शादी के लिए बुकिंग के दौरान ग्राहक से ली गई एक लाख रुपये की अग्रिम राशि लौटाए। आयोग ने यह माना कि कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण शादी स्थगित होने की स्थिति में अग्रिम राशि न लौटाना “सेवा में कमी” के अंतर्गत आता है।

यह मामला गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर निवासी विकास कुमार गुप्ता से जुड़ा है, जिन्होंने 11 जनवरी 2021 को अपने भाई की शादी के लिए बिलासपुर के जगमल चौक स्थित होटल इंटरसिटी इंटरनेशनल में बुकिंग की थी। पूरी बुकिंग 4.91 लाख रुपये में तय हुई थी, जिसमें एक लाख रुपये एडवांस के रूप में जमा किए गए थे। लेकिन कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के चलते तय तारीख पर शादी नहीं हो सकी और उसे आगे बढ़ाकर 2 जुलाई 2021 किया गया। इस बीच होटल ने एडवांस राशि लौटाने से इनकार कर दिया, जिससे परेशान होकर विकास ने बिलासपुर जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज की।

होटल प्रबंधन ने अपने पक्ष में तर्क दिया कि विवाह स्थगित होने की कोई सूचना उन्हें नहीं दी गई थी, जिस कारण 21 और 22 अप्रैल को किसी अन्य ग्राहक की बुकिंग नहीं ली गई और इससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान सीमित संख्या में मेहमानों के साथ आयोजन की अनुमति थी।

हालांकि, जिला आयोग ने माना कि होटल द्वारा पूरी राशि जब्त करना अनुचित था, और ग्राहक को 50 हजार रुपये अग्रिम राशि में से लौटाने, 5 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और 2 हजार रुपये वाद व्यय देने का आदेश दिया।

बाद में जब मामला राज्य उपभोक्ता आयोग में पहुंचा, तो अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया और सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने पाया कि 14 अप्रैल से 6 मई 2021 तक बिलासपुर जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था, ऐसे में किसी प्रकार का विवाह समारोह आयोजित कर पाना संभव नहीं था। आयोग ने यह भी माना कि होटल को कोई वास्तविक नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई अग्रिम तैयारी की गई थी।

इस आधार पर राज्य आयोग ने जिला आयोग के आदेश में संशोधन करते हुए होटल प्रबंधन को एक लाख रुपये की पूरी अग्रिम राशि, मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 5 हजार रुपये और वाद व्यय के रूप में 2 हजार रुपये लौटाने का आदेश दिया।

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