
रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। खासकर बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए पुलिस और परिवहन विभाग को तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। अब यात्री बसों और मालवाहक ट्रकों की गति पर इंटरसेप्टर वाहनों के माध्यम से नजर रखी जाएगी।
हादसों में हर दिन 22 मौतें
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई हैं। अप्रैल 2024 में हुई 5,322 सड़क दुर्घटनाओं में 2,591 लोगों की मौत हुई, जबकि 4,825 लोग घायल हुए। अप्रैल 2025 की तुलना में हादसों की संख्या में 5.6%, मौतों में 12.5% और घायलों में 10.8% की वृद्धि दर्ज की गई है। मई माह में भी यह आंकड़े और बढ़े हैं।
वर्षवार सड़क दुर्घटनाएं
वर्ष | हादसे | मौतें | घायल |
---|---|---|---|
2020 | 11,656 | 4,606 | 10,505 |
2021 | 12,375 | 5,375 | 10,683 |
2022 | 7,997 | 3,467 | 7,251 |
2023 | 13,468 | 6,166 | 11,723 |
2024 | 14,857 | 6,945 | 12,573 |
संयुक्त प्रयासों के निर्देश
हाल ही में अपर मुख्य सचिव (गृह) मनोज पिंगुआ ने सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा करते हुए राज्य की अंतरविभागीय लीड एजेंसी को सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए।
परिवहन विभाग की पहल
- स्पीड कंट्रोलर डिवाइस की फिटनेस जांच के दौरान अनिवार्य जांच के निर्देश दिए गए हैं।
- यदि कोई वाहन इस डिवाइस के बिना या उसे हटा कर संचालित पाया गया, तो उस पर चालानी कार्रवाई की जाएगी।
ब्लैक स्पॉट अब भी चुनौती
राज्य में वर्षों से ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने का प्रयास जारी है, लेकिन अब भी 84 से अधिक खतरनाक ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सका है। पुलिस विभाग ने बताया है कि 2019 से 2025 तक 69 ब्लैक स्पॉट्स और 101 जंक्शनों में सुधार कार्य किए गए हैं।
लापरवाह पार्किंग बन रही हादसों की वजह
राज्य के राजमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क किनारे गलत तरीके से खड़े वाहनों और तेज गति के चलते अधिकांश हादसे हो रहे हैं। राजधानी रायपुर की रिंग रोड पर खड़े वाहनों के खिलाफ नियमित कार्रवाई तक नहीं हो रही। कई मालवाहक वाहन मुख्य सड़कों से लेकर सहायक सड़कों तक को पार्किंग में तब्दील कर चुके हैं, जिससे हादसों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
तेज रफ्तार और नशा हादसों के मुख्य कारण
ट्रैफिक एआईजी संजय शर्मा ने बताया कि हादसों की मुख्य वजह तेज रफ्तार और नशे की हालत में वाहन चलाना है। सरकार ने इन पर सख्ती से नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ब्लैक स्पॉट्स के सुधार का कार्य भी प्राथमिकता से किया जा रहा है।