
कटघोरा। कटघोरा वन मंडल के चैतुरगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में बाघ की सक्रियता ने आसपास के गांवों में दहशत फैला दी है। हाल ही में बाघ ने पहाड़ी पर दो भैंसों का शिकार किया, जिसके बाद वन विभाग ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। ग्रामीणों को जंगल में जाने से रोकने के लिए इलाके में मुनादी की जा रही है और तेंदूपत्ता संग्रहण का काम भी फिलहाल रोक दिया गया है।
ग्रामीणों ने कई बार बाघ को पहाड़ी पर देखा है और वहां पैर के पंजों के निशान भी मिले हैं। बाघ के इस हमले के कारण गांव में भय का माहौल बन गया है, जिससे तेंदूपत्ता संग्रहण जैसे मौसमी कामों पर भी असर पड़ा है। वन विभाग ने जंगल में सुरक्षित व्यवस्था के लिए लगभग 19 ट्रैप कैमरे लगाए हैं, जिनकी लगातार निगरानी की जा रही है।
पाली रेंजर संजय लकड़ा ने बताया कि बाघ की मौजूदगी की पुष्टि पंजों के निशान और ग्रामीणों की प्रत्यक्षदर्शी जानकारी से हुई है। वहीं, सुशासन तिहार के समाधान शिविर के दौरान लाफा में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और वन विभाग के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।