जॉब-एजुकेशनछत्तीसगढ़रायपुरसरकारी नौकरी

छत्तीसगढ़ में व्यापमं की मुफ्त परीक्षाओं से सरकारी संसाधनों पर बढ़ता दबाव, 2022 से जारी है निःशुल्क परीक्षा प्रणाली

अप्रैल 2022 से व्यापमं और सीजीपीएससी परीक्षाओं के लिए आवेदन निःशुल्क होने के कारण अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ी, लेकिन कई परीक्षा में शामिल नहीं होते, जिससे ओएमआर शीट व अन्य संसाधनों पर अनावश्यक खर्च होता है।

मुख्य बिंदु:

  • बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन भरते हैं, लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं होते।
  • व्यापमं की भर्ती परीक्षाओं में 10% से अधिक अभ्यर्थी अनुपस्थित रहते हैं।
  • परीक्षा आयोजन में मैनपावर, भवन और अन्य संसाधनों का होता है दुरुपयोग।

    व्यापमं की मुफ्त परीक्षाओं से सरकारी संसाधनों पर बढ़ता बोझ

    रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) की निश्शुल्क परीक्षाओं के कारण सरकारी संसाधनों पर भारी दबाव पड़ रहा है। हाल ही में आयोजित मत्स्य निरीक्षक परीक्षा में मात्र 9% और प्रयोगशाला सहायक परीक्षा में 18% परीक्षार्थी शामिल हुए।

    इन दोनों परीक्षाओं के लिए की गई व्यवस्थाओं में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के अनुपस्थित रहने से यह राशि व्यर्थ चली गई। अप्रैल 2022 से व्यापमं और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की परीक्षाओं के आवेदन निश्शुल्क कर दिए गए हैं। इस वजह से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन तो करते हैं, लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं होते।

    चार परीक्षाओं में 7.5 करोड़ रुपये से अधिक की बर्बादी

    1. मत्स्य निरीक्षक परीक्षा (70 पद) – 21,000 आवेदन, केवल 9% उपस्थिति, 43.95 लाख रुपये की बर्बादी।
    2. प्रयोगशाला सहायक परीक्षा (9 पद) – 67,000 आवेदन, 18% उपस्थिति, 1.26 करोड़ रुपये की बर्बादी।
    3. लैब टेक्नीशियन परीक्षा (260 पद, अक्टूबर 2024) – 1.30 लाख आवेदन, 50% से अधिक अनुपस्थित, 1.5 करोड़ रुपये की बर्बादी।
    4. छात्रावास अधीक्षक परीक्षा (300 पद, सितंबर 2024) – 6.5 लाख आवेदन, 56% उपस्थिति, 4.57 करोड़ रुपये की बर्बादी।

    कैसे होता है खर्च?

    व्यापमं को अभ्यर्थियों की संख्या के अनुसार ओएमआर शीट छपवानी होती है, परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था करनी पड़ती है और अन्य लॉजिस्टिक खर्च करने पड़ते हैं। प्रति अभ्यर्थी व्यापमं को 160 से 230 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। छोटी परीक्षाओं में प्रति अभ्यर्थी 230 रुपये और बड़ी परीक्षाओं में 160 रुपये तक का खर्च आता है।

    शिक्षाविद डॉ. जवाहर सूरी सेट्टी ने कहा, “भर्ती परीक्षाओं के निश्शुल्क आवेदन के कारण अभ्यर्थी बिना किसी प्रतिबद्धता के आवेदन कर देते हैं, लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं होते। यह स्थिति चिंताजनक है और निश्शुल्क व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।”

    2022 में शुरू हुई थी निश्शुल्क आवेदन प्रणाली

    भूपेश बघेल सरकार ने 2022 में भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं के लिए निश्शुल्क आवेदन प्रणाली लागू की थी। व्यापमं हर साल 10 प्रवेश परीक्षाओं और कई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करता है। यही स्थिति सीजीपीएससी (छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग) की परीक्षाओं में भी देखने को मिल रही है, जहां बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करने के बाद परीक्षा में शामिल नहीं हो रहे हैं।

Related Articles

Back to top button