कोरबाछत्तीसगढ़

काम के बदले ज्यादा पैसे का लालच! दलाल ने बेटे को 4 लाख में बेचा, बेबस बाप की दर-दर तलाश

महाबीर की आंखों में आज भी 2014 की वो भयावह रात ताज़ा है, जब गांव का ही दलाल इतवार सिंह उसके 30 वर्षीय बेटे ब्रजलाल को बेहतर नौकरी और अधिक पैसे का लालच देकर तमिलनाडु ले गया था।

हाइलाइट्स

  • महाबीर 12 साल से बेटे ब्रजलाल की तलाश में भटक रहे हैं।
  • दलाल ने ब्रजलाल को 4 लाख रुपये में 4 साल के लिए बेच दिया था।
  • महाबीर ने कई बार पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

    कोरबा: जिले के पोड़ी उपरोड़ा तहसील के बनपिपर गांव में एक पिता 12 साल से अपने बेटे ब्रजलाल की तलाश में भटक रहा है। महाबीर नाम का यह वृद्ध पिता, जिसने अपने बेटे को मजदूरी के लिए भेजा था, अब तक उसकी कोई खबर नहीं पा सका है। थाने के चक्कर काट-काटकर वह थक चुका है, लेकिन न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी है।

    2014 की वो काली रात
    महाबीर आज भी 2014 की उस रात को याद करते हैं, जब गांव के ही एक दलाल इतवार सिंह उनके 30 वर्षीय बेटे ब्रजलाल को बेहतर नौकरी और अधिक पैसे का लालच देकर तमिलनाडु ले गया था। लेकिन यह लालच असल में एक भयावह साजिश थी।

    चार लाख में चार साल के लिए सौदा
    महाबीर बताते हैं कि जब इतवार सिंह वापस लौटा तो उसने खुलासा किया कि ब्रजलाल को चार लाख रुपये में चार साल के लिए बेच दिया गया है। उसने महाबीर से कहा कि अगर वह खुद जाकर मजदूरी करे, तो उसका बेटा लौट सकता है। यह सुनकर महाबीर के पैरों तले जमीन खिसक गई, लेकिन 12 साल बीतने के बाद भी उनका बेटा वापस नहीं आया।

    पुलिस से न्याय की गुहार
    यह मामला छत्तीसगढ़ में श्रमिकों के शोषण और मानव तस्करी की भयावह सच्चाई को उजागर करता है। दलाल गरीब मजदूरों को बहला-फुसलाकर दूसरे राज्यों में बंधुआ मजदूरी के लिए बेच देते हैं, जहां वे अमानवीय परिस्थितियों में काम करने को मजबूर होते हैं। महाबीर ने कई बार पुलिस और श्रम विभाग से बेटे को ढूंढने की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सवाल उठता है—क्या प्रशासन इस गरीब पिता की पीड़ा को समझेगा? क्या ब्रजलाल कभी अपने परिवार से मिल पाएगा? यह घटना छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी की गहरी सच्चाई को उजागर करती है।

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