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शशि थरूर बने कांग्रेस आलाकमान की चिंता का कारण, मोदी सरकार सौंपना चाहती है ये बड़ी भूमिका

हाल ही में शशि थरूर द्वारा मोदी सरकार के समर्थन में दिए गए लगातार बयानों से कांग्रेस आलाकमान और कई नेता नाराज़ हैं। इसी बीच मोदी सरकार ने थरूर को एक महत्वपूर्ण भूमिका सौंपने की पेशकश की है।

केंद्र सरकार ने आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से संपर्क कर सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रस्तावित सांसदों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने हेतु कांग्रेस के सांसदों के नाम मांगे हैं। सरकार की योजना है कि विभिन्न दलों के सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रखे। इस पहल में कांग्रेस ने भी अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस ने जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष खरगे से बातचीत की है।

इस बीच, प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को शामिल करने को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद उभर आए हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से थरूर का नाम प्रस्तावित किया गया है, लेकिन कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि प्रतिनिधिमंडल के लिए अपने प्रतिनिधियों का चयन पार्टी खुद करेगी। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि थरूर का अंतरराष्ट्रीय अनुभव, उनका प्रभावशाली व्यक्तित्व और संयुक्त राष्ट्र में काम करने की पृष्ठभूमि उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाती है। वहीं, पार्टी के अन्य नेता उनके हालिया बयानों से असहज हैं।

दरअसल, शशि थरूर द्वारा हाल के दिनों में मोदी सरकार के समर्थन में दिए गए बयानों ने कांग्रेस नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। खासकर पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान थरूर के कुछ बयान पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग रहे, जिससे भीतरखाने नाराज़गी बढ़ी। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी में सभी को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन थरूर ने हालिया बयानबाज़ी में “लक्ष्मण रेखा” पार कर दी है। कांग्रेस कार्य समिति की हालिया बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां एक वरिष्ठ नेता ने बिना थरूर का नाम लिए, पार्टी लाइन से हटकर बयान देने पर चिंता जताई और नेतृत्व से इसमें हस्तक्षेप की मांग की। थरूर स्वयं भी उस बैठक में मौजूद थे।

 

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