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छत्तीसगढ़ में प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों को जबरन हटाया, पुलिस ने लाइट बुझाकर घसीटा, महिला दिव्यांगों से भी दुर्व्यवहार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने रात के समय बिजली बंद कर जबरन उन्हें हटाने की कोशिश की। इस दौरान एक दिव्यांग प्रदर्शनकारी की शर्ट भी फाड़ दी गई।

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी में तूता धरना स्थल पर अपनी मांगों को लेकर पिछले 18 दिनों से प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हर रात करीब आठ बजे पुलिसकर्मी धरना स्थल पर पहुंचते हैं, लाइट बंद कर देते हैं और जबरन उन्हें वहां से हटाने की कोशिश करते हैं।

दिव्यांगों के अनुसार, इस खींचतान में एक साथी अजय कुर्रे को चोट भी लगी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में आते हैं और जिन गाड़ियों से आते हैं, उन पर नंबर भी नहीं होता। साथ ही, महिला पुलिस की मौजूदगी के बिना महिला दिव्यांगों के साथ भी बदसलूकी की जा रही है।

26 मार्च से चल रहा है प्रदर्शन
दिव्यांग प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उन्होंने 26 मार्च से पहले तेलीबांधा में धरना शुरू किया था, लेकिन वहां से हटाकर उन्हें तूता धरना स्थल भेज दिया गया। 30 मार्च से उनका धरना वहीं जारी है।

इनकी प्रमुख मांगों में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों को हटाना, मासिक पेंशन में वृद्धि, बैकलॉग भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी करना और दिव्यांग युवतियों को महतारी वंदन योजना का लाभ देना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फर्जी प्रमाणपत्र वालों की सूची भी शासन को सौंपी जा चुकी है।

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