धर्म आस्था

आज सही से बिता लिया, तो पूरी जिंदगी अच्छे से जी सकते हैं: मनीष सागर

रायपुर । आज का दिन हम सही से बिताएं, तो आने वाली पूरी जिंदगी अच्छे से बीता सकते हैं। कभी भी कुछ अच्छा सोचते हैं, तो यह बात मानकर चलिए कि हम जैसा सोचते हैं, वैसा हो जाए, यह जरूरी नहीं है। जरूरी है कि विपरीत से विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहकर हम खुद को आज के लिए तैयार करें। बुधवार को चातुर्मास की शुरुआत पर विवेकानंद नगर स्थित श्री ज्ञान वल्लभ उपाश्रय में धर्म सभा को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवर मनीष सागर महाराज साहब ने यह बातें कही। 

उन्होंने कहा, माना जाता है कि अच्छे काम करने जाओ तो बहुत सारे विघ्न आते हैं। सिर्फ सोचने से काम नहीं चलेगा। विचार समुद्र की तरंगों के समान होते हैं। यह जितनी तेजी से आते हैं, उतनी तेजी से चले भी जाते हैं।‌ ऐसे में जरूरी है कि आज ऐसा संकल्प लें, जो कम से कम अगले 4 महीने तक टिका रहे। यह लॉन्ग जर्नी है। बीच में हमारा इंजन फेल नहीं होना चाहिए। अच्छी इच्छा शक्ति के साथ चातुर्मास की शुरुआत हो इसलिए हमें अपने भीतर चिंतन-मनन करना है। अगर अपने साथ बेइमानी नहीं करना चाहते हैं, तो इस चातुर्मास को अच्छे से बिताएं‌। धर्म में बताए गए नियम-धर्मों का पालन करें। अपने तन का विकास होना चाहिए। अपने भावों में सुधार होना चाहिए। अपना व्यवहार बेहतर होना चाहिए। अपना पूरा व्यक्तित्व बदल जाना चाहिए। जिस तरह योद्धा जब मैदान में उतरता है, तो तीर-भाला सब लेकर उतरता है। उसे पता है कि कुछ भी परिस्थिति आ सकती है। वो खुद को उसी हिसाब से तैयार करता है। ऐसे ही हमें भी अपनी पूरी तैयारी के साथ चातुर्मास में उतरना है। अपने जिन कर्तव्यों की विस्मृति हो चुकी है, उन्हें फिर स्मृति में लाना है। हम कोई सेठ, पति-पत्नी, पुत्र या पिता नहीं, अभी हम एक श्रावक हैं। जब अपना पद याद रहेगा, तो अपना कर्तव्य याद रहेगा। पद याद नहीं रहेगा, तो कर्तव्य भूल जाएंगे।

श्रावक के 6 कर्तव्य
श्रावक के जीवन की शुरुआत चरणों में जाने से होगी। यानी वह अपने आप को परमगुणी परमात्मा के चरणों में समर्पित कर दे। अधिकारी के प्रति समर्पित व्यक्ति ही अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा सकता है। जैसे सांस लेना और भोजन करना जरूरी है, वैसे ही जीवन में देव, गुरु, धर्म जरूरी हैं। इस भाव के साथ जीने लगेंगे, तो ही आपका जीवन सार्थक होगा। परमात्मा से मिलना है तो गुरु का सानिध्य जरूरी है। गुरु ही हैं जो आपको परमात्मा से मिलन करवा सकते हैं, वरना उनसे मिलना बड़ा कठिन है। 

चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार सचिव चंद्रप्रकाश ललवानी और मनोज लोढ़ा ने बताया कि गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सुबह 8.30 बजे से विशेष कार्यक्रम होगा। अगर बारिश नहीं होती है तो कार्यक्रम टैगोर नगर स्थित पटवा भवन में बने मंडप में होगा अन्यथा विवेकानंद नगर स्थित श्री ज्ञान वल्लभ उपाश्रय में कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा। बुधवार को तेले की कड़ी में पहला तेला पीआर गोलछा का रहा। आगे भी जिन्हें तेले में शामिल होना है, वे श्रीसंघ के पास अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।

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