“डायबिटीज और बीपी को कंट्रोल करने के लिए गेहूं का इस तरह करें इस्तेमाल, इन बीमारियों में भी होगा फायदा”
"Gehun in Diabetes and Blood Pressure: डायबिटीज में गेहूं से बचने के बजाय, इस तरह सेवन करने से ब्लड शुगर होगा कम, और भी बीमारियों में मिलेगा फायदा। जानें गेहूं के फायदे।"

गेहूं की रोटी लगभग हर घर में बनती है। रोज जो गरम-गरम फुलके आप खाते हैं, वे गेहूं के आटे से ही बनते हैं। गेहूं से शरीर को ताकत और जरूरी पोषण मिलता है, साथ ही यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होता है। क्या आप जानते हैं कि गेहूं आपके शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है? गेहूं खांसी, छाती के दर्द, दिल के रोग, पेट की बीमारी, पथरी, यौन रोग और डायबिटीज जैसी समस्याओं से भी राहत दे सकता है। बस आपको इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने का तरीका पता होना चाहिए। गेहूं के ज्वारे का उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। आइए, जानते हैं गेहूं के फायदे और इसके सही इस्तेमाल का तरीका।
गेहूं के फायदे और सही इस्तेमाल का तरीका
डायबिटीज में गेहूं:
डायबिटीज के मरीज अक्सर गेहूं से बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। बारीक पिसा गेहूं का आटा नुकसान कर सकता है, लेकिन अगर आप चोकर से भरपूर गेहूं का आटा खाते हैं तो इससे ब्लड शुगर उतनी तेजी से नहीं बढ़ता। गेहूं को अंकुरित करके खाने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है और खून में शुगर को कम करने में मदद मिलती है।
गठिया में फायदेमंद गेहूं:
जो लोग गठिया रोग से परेशान हैं, उनके लिए गेहूं बेहद फायदेमंद है। गेहूं के आटे को बकरी के दूध और घी में मिलाकर लेप बना लें और इसे प्रभावित जोड़ों पर लगाएं। इससे गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। दिन में दो बार इस लेप को लगाने से गठिया की समस्या को दूर किया जा सकता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें:
गेहूं के आटे का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो अपनी डाइट में मोटे चोकर वाले गेहूं का आटा शामिल करें, इससे बीपी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
कमजोरी और याददाश्त में सुधार:
गेहूं का सेवन न केवल कमजोरी को दूर करता है, बल्कि यह आपकी याददाश्त को भी तेज करता है। गेहूं में मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क को पोषण देते हैं और उसकी कार्यक्षमता को बनाए रखते हैं।
इस प्रकार गेहूं का सेवन सही तरीके से किया जाए तो यह कई बीमारियों से बचाव और उपचार में मददगार साबित हो सकता है।