कब पड़ेगी कामिका एकादशी? जानें श्री हरि की कृपा बरसाने वाले पावन व्रत की तिथि, पारण का समय और पूजन विधि

सनातन परंपरा में श्रावण मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह व्रत हर हिंदी महीने के कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है. मान्यता है कि भगवान श्री विष्णु की पूजा के लिए समर्पित इस पावन एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सभी मनोरथ को पूरा करने वाले इस व्रत के बारे में मान्यता है कि यदि कोई इस व्रत को पूरी आस्था और विश्वास के साथ विधि-विधान से करता है तो उसे वापजेय यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कि श्री हरि विष्णु की कृपा बरसाने वाली कामिका एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और कब होगा इसका पारण –
कब है कामिका एकादशी और कब होगा पारण
पंचांग के अनुसार इस साल सभी पापों को नाश करके कामनाओं का दूर करने वाली सावन महीने की एकादशी 20 जुलाई 2025 को 12:12 बजे प्रारंभ होकर 21 जुलाई 2025 को 09:38 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत इस साल 21 जुलाई 2025 को रखा जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार जिस पारण के बगैर एकादशी का व्रत अधूरा माना जाता है, वह 22 जुलाई 2025 को प्रात:काल 05:37 से लेकर 07:05 बजे तक किया जा सकेगा.
कामिका एकादशी व्रत की पूजन विधि
कामिका एकादशी वाले दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा के लिए सबसे पहले साधक को तन और मन से पवित्र हो जाना चाहिए. इसके बाद सूर्य नारायण को जल देना चाहिए. फिर इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ पूरा करने का संकल्प करना चाहिए. कामिका एकादशी व्रत का पूजन करने के लिए ईशान कोण का चयन करें और वहां पर किसी चौकी या मेज पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर श्री हरि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें तथा उनके सम्मुख शुद्ध घी का दीपक जलाएं. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले पुष्प, पीले फल, पीले वस्त्र, पीले रंग का मिष्ठान अर्पित करें. कामिका एकादशी व्रत वाले दिन भगवान श्री विष्णु को उन्हें प्रिय लगने वाली तुलसी का दल अवश्य अर्पित करें. पूजा के अंत श्री हरि की देशी घी के दीये से आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है).