India-US Trade Deal: पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री की बैठक, जानें व्यापार समझौते की ताजा स्थिति
यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश आठ जुलाई तक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक से शुक्रवार को दूसरी बार मुलाकात की। इस बैठक में भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर विस्तार से चर्चा हुई। इससे पहले, 20 मई को भी दोनों मंत्रियों ने इस मुद्दे पर बातचीत की थी। गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा कि यह एक “सार्थक बैठक” रही, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक अवसरों को बढ़ाना है।
8 जुलाई तक अंतिम रूप लेने की संभावना
बैठक इसलिए भी अहम रही क्योंकि भारत और अमेरिका 8 जुलाई तक एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। 22 मई को इस पर चार दिवसीय तकनीकी चर्चा भी पूरी हो चुकी है। भारत चाहता है कि अमेरिकी बाजार में उसके उत्पादों पर लगे 26 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ से पूरी तरह छूट दी जाए। अमेरिका ने फिलहाल इस अतिरिक्त शुल्क को 9 जुलाई तक निलंबित किया हुआ है।
स्टील, एल्यूमीनियम और ऑटो पार्ट्स पर अब भी 25% शुल्क
अमेरिका की मौजूदा टैरिफ नीति के अनुसार, 10 फीसदी का मूल शुल्क सभी देशों पर लागू है, जबकि स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी का ऊपरी शुल्क भी लागू है। अमेरिकी प्रशासन को इन शुल्कों को ‘सबसे पसंदीदा राष्ट्र’ (MFN) दरों से नीचे लाने के लिए संसद की मंजूरी चाहिए, लेकिन उसके पास भारत सहित कुछ देशों से जवाबी शुल्क हटाने का अधिकार है।
500 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य
भारत और अमेरिका ने 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए BTA के पहले चरण को सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पूरा करने की समयसीमा तय की गई है। भारत इस समझौते के तहत अपने श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, चमड़ा, आभूषण, झींगा, केमिकल और कृषि उत्पादों पर शुल्क छूट की मांग कर रहा है। वहीं अमेरिका इलेक्ट्रिक वाहनों, पेट्रोरसायन, वाइन, डेयरी और जीएम फसलों जैसे उत्पादों पर शुल्क में रियायत चाहता है।
व्यापार घाटे पर अमेरिका की चिंता
अमेरिका ने भारत के साथ व्यापार घाटे को लेकर चिंता जताई है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का अमेरिका के साथ 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष रहा। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18%, आयात में 6.22% और कुल व्यापार में 10.73% रही। अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। हालांकि, भारत में जीएम फसलों के लिए अब भी कड़े नियम हैं, जिससे अमेरिका को इस क्षेत्र में निर्यात में दिक्कत आ रही है।
कुल मिलाकर, दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर तेजी से बातचीत हो रही है और निकट भविष्य में इसके पहले चरण के पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।